sarvapashyami
Monday, May 31, 2010
कैसे निबहै निबल जन
कैसे निबहै निबल जन, करि सबलन सों गैर ।जैसे बस सागर विषै, करत मगर सों बैर
शक्तिशाली आदमी से दुश्मनी कर के निर्बल गुजारा कैसे कर पाएंगे, जैसे मगरमच्छ से दुश्मनी कर के कोई सागर में नहीं रह सकता
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