`कबीर' दुनिया देहुरै, सीस नवांवण जाइ।हिरदा भीतर हरि बसै, तू ताही सौं ल्यौ लाइ
यह नादान दुनिया मन्दिरों में माथा टेकने जाती हैं। यह नहीं जानती कि हरि का वास तो हृदय में हैं, तब वहीं पर क्यों न लौ लगायी जाय?
Madhumati but i say--hriday mein lau jalaogay to aag lag sakti hai--sab ke ghar mein devi hoti hai(read biwi)--uske samanay matha tekiye -punya kamaayengay---------LOL
Arun Singh मैं तो हमेशा तैयार हूँ देवियों के आगे माथा टेकने के लिए पर उनके पति बुरा मान जाते हैं
Madhumati ooops forgot 2 specify -apni biwi;)
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