sarvapashyami
Monday, May 31, 2010
जैसी मुख तैं नीकसै
जैसी मुख तैं नीकसै, तैसी चालै चाल।पारब्रह्म नेड़ा रहै, पल में करै निहाल
मुँह से जैसी बात निकले, उसीपर यदि आचरण किया जाय, वैसी ही चाल चली जाय, तो भगवान् तो अपने पास ही खड़ा है, और वह उसी क्षण निहाल कर देगा।
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