Tuesday, January 5, 2010

मूरख संग न कीजिए

मूरख संग न कीजिए, लोहा जलि न तिराइ।कदली-सीप-भूवंग मुख, एक बूंद तिहँ भाइ


मूर्ख का साथ कभी नहीं करना चाहिए, उससे कुछ भी फलित होने का नहीं। लोहे की नाव पर चढ़कर कौन पार जा सकता हैं? वर्षा की बूँद केले पर पड़ी, सीप में पड़ी और सांप के मुख में पड़ी - परिणाम अलग-अलग हुए- कपूर बन गया, मोती बना और विष बना।

Do not associate with a fool, iron will not take you across the water;the same drop gave different result when associated with banana tree,sea shell or snake in form of camphor,pearl and poison respectively.
15 December 2009 at 17:40 ·

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