Wednesday, January 20, 2010

'रहिमन' धागा प्रेम को

'रहिमन' धागा प्रेम को, मत तोड़ो चटकाय।टूटे से फिर ना मिले, मिले गांठ पड़ जाय


बड़ा ही नाजुक है प्रेम का यह धागा। झटका देकर इसे मत तोड़ो, भाई! टूट गया तो फिर जुड़ेगा नहीं, और जोड़ भी लिया तो गांठ पड़ जायगी। (प्रिय और प्रेमी के बीच दुराव आ जायगा।)
07 January at 19:22 ·

Rahim says do not break asunder the thread of love ;the ends having broken would not meet again and even if they do a knot would appear

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