अब `रहीम' मुसकिल पड़ी, गाढ़े दोऊ काम।सांचे से तो जग नहीं, झुठे मिलै न राम
बडी मुश्किल में आ पड़े कि ये दोनों ही काम बड़े कठिन हैं। सच्चाई से तो दुनियादारी हासिल नही होती हैं, लोग रीझते नही हैं, और झूठ से राम की प्राप्ति नहीं होती हैं। तो अब किसे छोडा जाए, और किससे मिला जाए?
Rahim says that now we are facing a problem as both actions are tough;Truth leads to desertion by the world and falsehood leads to the same result at the hands of God.
2 comments:
Same to me,
Salt
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